राजहंस एक स्थानीय पक्षी है, जो भारत के अलग-अलग हिस्सों में वास करता है। यह एक सामाजिक प्राणी है, जो झुंड बनाकर झीलों के किनारे रहते हैं। इस पक्षी का रंग सफेद, पंखों का पीछे का हिस्सा गुलाबी, नीचे के कुछ पंखों पर काला रंग और पैर व चोंच लाल रंग की होती है। इस पक्षी के पैर इसके शरीर से बड़े होते हैं। इसकी ऊंचाई करीब पांच फीट तक होती है। राजहंस कई घंटों तक एक ही पांव पर खड़ा रह सकता है।


दुनिया में राजहंस


विश्व में राजहंस की छह प्रजातियां हैं जबकि भारत में दो प्रजातियां पाई जाती हैं-ग्रेटर फ्लेमिंगो (बड़ा राजहंस) और लेसर फ्लेमिंगो (छोटा राजहंस)। दुनिया मे सबसे अधिक पाए जाने वाले छोटे राजहंस, (फीनिकोनियस माइनर) को 2006 के आईयूसीएन रेड लिस्ट ऑफ थ्रेटड स्पीशीज में "नियर थ्रेटड" के रूप में वर्गीकृत किया गया था। ग्रेटर फ्लैमिंगो गुजरात का राज्य पक्षी भी है।यह एक भ्रमणशील प्रजाति है। फीडिंग साइट अक्सर अलग-अलग देशों में सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पर होती है। इन स्थानों तक जाने के लिए ज़्यादातर उड़ानें रात में होती हैं। फ्लेमिंगो एक प्रवासी पक्षी है, जो ठंड से बचने के लिए और भोजन की तलाश में एशिया में प्रवास करता है।


राजहंस की विशेषताएं


राजहंस को प्रजनन के लिए बहुत विशिष्ट परिस्थितियों की आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप बहुत कम सफल प्रजनन होते हैं, या प्रजनन बहुत छोटे क्षेत्रों तक सीमित रहते है। फ्लेमिंगो बहुत अच्छा नृत्य करते हैं। वे एक साथ मार्च करते हैं, एक दिशा में एक पंख और दूसरी दिशा में एक पैर रखते हैं।फ्लैमिंगो की चोंच अन्य पक्षियों से भिन्न, मोटी एवं टेढ़ी होती है जिसे पानी में डालकर यह सुविधाजनक प्रणाली से मछली , मेंढक, केकड़ा, घोंघा, कीड़े , मकोड़े आदि को अपने भोजन के लिए पकड़ता है। इसके अतिरिक्त यह कुछ जलीय वनस्पतियां भी खाता है।नर और मादा दोनों एक साथी की तलाश में नृत्य करते हैं। वे बारिश के बाद प्रजनन करते हैं । इसलिए सबसे ज्यादा प्रजनन दक्षिण एशिया में सितंबर और नवंबर के बीच व पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका में नवंबर और फरवरी के बीच होता है। बारिश का पानी सुरक्षित स्थान प्रदान करता है जो शिकारी जानवरों से दूरी बनाने के लिए आवश्यक है।


राजहंस लोगों को बहुत ही ज्यादा पसंद आता है


राजहंस लोगों को बहुत ही ज्यादा पसंद आता है और कई लोग इनको सिर्फ अपने शौक के लिए पालते हैं इनका मांस बाजारों एवं अन्य किसी भी स्थानों पर नहीं पाया जाता है क्योंकि लोग इनके मांस का उपयोग करने के लिए इनको नहीं पालते हैं।राजहंस के अंडे सामान्यता मुर्गी और बदक के अंडे से बहुत बड़ा होता है यह कई बीमारियों में काम आता है जो लोगों द्वारा इसका सेवन किया जाता है।राजहंस पक्षी के पैर गुलाबी रंग के होते हैं और इनकी गर्दन लंबी होती है राजहंस एक ही रंग नहीं बल्कि कई रंगों में भी पाया जाता है सफेद रंग के राजहंस लोगों द्वारा बहुत ही ज्यादा पसंद किया जाता है यह प्रेम और शांति का प्रतीक है।


यह पक्षी बहमास देश का राष्ट्रीय पक्षी भी है और राज हंस के पंखों के नीचे के पंख काले रंग के होते हैं जो हमें सामान्यतः नहीं दिखाई देते हमें उनके इस पंख को देखने के लिए उस समय का इंतजार करना पड़ता है जब यह पक्षी उड़ रहे हो अर्थात हम इन पक्षियों के उस काले पंख को सिर्फ उड़ते समय ही देख सकते हैं।